भूलना नहीं चाहिए पासें लगाने और फेंकने वाला सकुनी मारा जाता है। जिस तरह से नेहरू पंथी अपशिष्ट कांग्रेस देश के हितों को नुक्सान पहुंचा रही है उसके लिए इलेक्शन के मुद्दों की बातें बनाना उनके देशद्रोही कारनामों को छिपा नहीं सकता। देश के राहु और कांग्रेस के राहुल के ख़ास प्रिय एक साथी राष्ट्र के सेना अध्यक्ष को गली का गुंडा कहते हैं क्या ये कम अपराध है ?
उनका एक और साथी जिसे फिल्म लाइन में बलात्कार के दृश्य का प्रवर्तक माना जाता है वह नक्सलवादियों को क्रांतिकारी कहता है।
एक बहुत अनुभवी चाटुकारा यह कहती है डसाल्ट का मुख्यप्रशासनिक अधिकारी महात्मा गांधी नहीं है। कहना तो वह यह चाहती है कि वह राहुल गाँधी नहीं है। अपने झूठ को छिपाने के लिए महात्मा गांधी का सहारा क्यों ले रही है। अब जब उनके झूठ बे -नकाब हो रहे हैं तो उन्हें महात्मा गांधी याद आ रहे हैं। तब उन्हें महात्मा गांधी क्यों नहीं याद आये जब उन्होंने स्वाधीनता के थोड़ा पहले यह कहा था कि अब कांग्रेस को राजनीतिक पार्टी के तौर पर समाप्त करके समाज सेवा करनी चाहिए। ये तो ठीक वैसे ही हुआ कि फिसल पड़े तो हर गंगे। जुबान पर राहुल है बचाव के लिए महात्मा गांधी है।
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